Rafique Khan
बिहार की राजनीति में उठा पटक, रस्साकशी का दौर लगातार चल रहा है। सोमवार को भी एक पार्ट देश के सामने आया। यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फ्लोर टेस्ट की परीक्षा देनी पड़ी। इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष को भी इसका सामना करना पड़ा और अंततः वह अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब नहीं रहे। देखा जाए तो स्पीकर की कुर्सी जाते ही राजद का पूरा खेल बिगड़ गया। राजद ने नीतीश सरकार को गिराने के लिए सत्ता पक्ष के आठ विधायकों के साथ प्लानिंग रची थी। इनमें जदयू के पांच विधायक और बीजेपी के तीन विधायक थे। जदयू के पांच विधायको में बीमा भारती मनोज यादव, सुदर्शन, डॉक्टर संजीव और दिलीप राय शामिल थे। वहीं भाजपा के विधायकों में रश्मि वर्मा, भागीरथी देवी और मिश्रीलाल यादव थे। नितीश सरकार के समर्थन में 129 वोट पड़े, जबकि विपक्ष ने वोटिंग से पहले ही वाकआउट कर दिया था।
जानकारी के मुताबिक कहा जाता है कि नीतीश कुमार बीते महीने 28 जनवरी को महागबंधन (जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस का गठबंधन) से अलग होकर सीएम पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। उसी शाम नीतीश कुमार ने एनडीए (बीजेपी, जेडीयू और अन्य दल) सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। नीतीश कुमार ने सोमवार (12 फरवरी) को विधानसभा में विश्वास मत पेश किया। विश्वास मत के पहले दोनों ओर से बयानों का दौर जारी था। विपक्ष ‘खेला’ होने का दावा कर रहा था, तो बीजेपी और जेडीयू के नेता विश्वास मत हासिल करने का दावा कर रहे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वास मत पेश करने से पहले बीजेपी विधायक नंद किशोर यादव ने स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव के समर्थन में बहुमत होने के कारण चौधरी ने कुर्सी छोड़ दी और डिप्टी स्पीकर माहेश्वर हजारी ने कुर्सी संभाली।
नीतीश कुमार और बीजेपी नेताओं से कई सवाल पूछे
विश्वास मत पर चर्चा के दौरान बयानों के तीखे तीर चले। महागठबंधन की ओर से पूर्व डिप्टी सीएम और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी नेताओं से कई सवाल पूछे। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2005 से अपनी सरकारों के काम गिनाते हुए दावा किया कि वो आगे एनडीए में बने रहेंगे। तेजस्वी यादव ने कहा, “हम माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहते हैं कि लगातार नौ बार उन्होंने शपथ लेकर इतिहास रचने का काम किया है। एक ही टर्म में तीन-तीन बार (शपथ) लिया, ऐसा अद्भुत नज़ारा हम लोगों ने नहीं देखा।” तेजस्वी यादव ने कहा, “ (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी का गारंटी तो बहुत मजबूत वाला गारंटी है, क्या मोदी जी गारंटी लेंगे कि फिर से पलटेंगे कि नहीं पलटेंगे।” तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से सवाल किया, “आपने बोला था न कि हम महागठबंधन इसीलिए छोड़ रहे हैं क्योंकि हमारी पार्टी को तोड़ा जा रहा है, हमारे विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है। आपने कहा था कि भई हम लोगों का एक ही लक्ष्य है, न प्रधानमंत्री बनना है। न किसी को मुख्यमंत्री बनना है। देश भर के विपक्षियों को गोलबंद करके जो तानाशाह है, उसको दोबारा नहीं आने देना है। इसीलिए न आप आए थे?”
उन्होंने कहा, “आप जो झंडा लेकर चले थे कि मोदी जी को देश में रोकना है, आपका भतीजा झंडा उठाकर के मोदी जी को बिहार में रोकने का काम करेगा।” तेजस्वी यादव ने कहा, “सम्राट चौधरी जी डिप्टी सीएम बने, इनका बयान हमने देखा कि भाजपा इनकी मां है, हम कहना चाहते हैं कि आरजेडी आपकी मां हुई न ओरिजनल. आप अस्वीकार कीजिए लेकिन जनता तो इस बात को जानती है।”
नीतीश कुमार ने जवाब देते हुए कहा
विश्वास मत पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते बिहार में विकास के कई काम हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन सरकार में शामिल रहे आरजेडी के नेता ‘कमा रहे’ थे।
नीतीश कुमार ने कहा, “याद है हमने कब से काम करना शुरू किया है। 2005 से जब काम शुरू हुआ है, उसके बाद से बिहार का कितना विकास हुआ है, हमारे पहले इनके पिता (लालू प्रसाद यादव) को और इनकी माता (राबड़ी देवी) को 15 साल तक काम करने का मौका मिला, तो क्या हुआ था बिहार में जी, क्या होता था, शाम में कोई भी आदमी घर से बाहर निकलता था? कहीं कोई सड़क था, कोई रास्ता था? ” उन्होंने कहा, “और ये बात करते हैं कि इनके साथ मुस्लिम हैं तो कितना मुस्लिम-हिंदू का झगड़ा होता था। जब हम आए तो हिंदू मुस्लिम का झगड़ा बंद कराए।” आरजेडी नेताओं पर आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार ने कहा, “हम किसी के ख़िलाफ़ नहीं है. हम इन लोगों को इज्जत दिए हुए थे। हमको पता चला कि ये लोग कमा रहे हैं।”
खुद पर बार-बार पाला बदलने का आरोप लगने पर नीतीश कुमार ने कहा, “हम पुरानी जगह पर आ गए हैं। अब हम आ गए हैं, यहीं रहेंगे. सब दिन के लिए आ गए हैं. हमेशा के लिए आ गए हैं। ”