Rafique Khan
कांग्रेस पार्टी में छत्रप नेताओं की चौधराहट उनके समर्थकों तक अपना रसूख बनाए हुए हैं। यहां कार्यकर्ताओं के नाम पर किसी न किसी नेता का ब्रांड लगा हुआ है और यह ब्रांड सामान्य से सामान्य बैठक से लेकर चुनावों में टिकट पाने और जीतने हारने तक बबाल मचाते रहते हैं। सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय भोपाल में ऐसा ही एक नजारा सामने आया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तथा दिग्विजय सिंह के दो समर्थकों के बीच जमकर गाली गलौज और लात-घूंसे चलते रहे। कार्यालय में मौजूद नेता गण इसका भरपूर आनंद उठते रहे। मामला पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को गाली देने संबंधी आरोप से जुड़ा हुआ है।
घटना के सिलसिले में मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में अंतर्कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी कड़ी में सोमवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ही कांग्रेस नेताओं के बीच विवाद देखने को मिला। देखते ही देखते विवाद मारपीट तक पहुंच गया। कांग्रेस दफ्तर में अनुसूचित जाति विभाग अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शहरयार खान के बीच झूमाझटकी हुई है। दोनों नेता एक दूसरे पर धक्कामुक्की, कुर्सियां फेंकते और हाथापाई करते नजर आ रहे हैं। मौके पर मौजूद अन्य नेता काफी देर तक दोनों को अलग अलग कराने का प्रयास करते रहे। कांग्रेस के सूत्रों से पता चला है कि दोनों नेताओं के बीच पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को लेकर विवाद हुआ था। मामले से जुड़े कई वीडियोज भी सामने आ रहे हैं, जिसमें कांग्रेस नेता आपस में गाली गलौज करते और झड़प करते नजर आ रहे हैं। अब इस विवाद पर राजनीति भी शुरु हो गई हैं। अनुसूचित जाति विभाग अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार को कमलनाथ समर्थक बताया जाता है। वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता शहरयार खान को दिग्विजय समर्थक माना जाता है। दोनों के बीच दिग्विजय सिंह को गाली देने को लेकर विवाद होने की बात सामने आ रही है, जो देखते ही देखते इतनी बढ़ी कि मामला मारपीट तक पहुंच गया। कांग्रेस में अंतर्कलह की खबरें नई नहीं है। आज ही नीमच में भी कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और दिलीप सिंह गुर्जर के सामने भी कांग्रेसी आपस में भिड़े हैं। इससे पहले कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने पार्टी प्रवक्ता आलोक शर्मा को नोटिस भेजा था। आलोक शर्मा को ये नोटिस पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने को लेकर दिया गया था।