Rafique Khan
पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से लैंड फॉर जॉब्स मामले में सोमवार को ED ने 10 घंटे के लगभग पूछताछ की। इस दौरान लालू से सवाल पूछे गए और उनका जवाब हां या नहीं मैं मांगा गया। लालू यादव का यह मामला WCR जबलपुर पर फोकस है। सूत्रों के मुताबिक इस घोटाले के तहत सबसे ज्यादा भर्तियां लालू यादव ने WCR में ही कराई हैं। ED का अगला पड़ाव WCR जबलपुर हो सकता है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि ED अपने परंपरागत तरीके से जांच करती है और उसका पूर्वानुमान लगा पाना मुश्किल ही होता है।
रेल मंत्री रहते हुए नौकरी देने के बदले जमीन हासिल करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ आखिर खत्म हुई। पूरे 10 घंटे तक बाहर यह डर कायम था कि कहीं उन्हें गिरफ्तार तो नहीं कर लिया जाएगा! बाहर भारी तनाव था। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पटना स्थित दफ्तर में पेश होना पड़ा हुए। सुबह 11 बजे राबड़ी आवास से बेटी और सांसद मीसा भारती के साथ लालू प्रसाद ईडी दफ्तर पहुंचे। इस दौरान वहां मौजूद राजद कार्यकर्ताओं की भीड़ ने लालू की गाड़ी को घेर लिया और उनके समर्थन में नारेबाजी करने लगे। लालू ने उनसे शांति बनाए रखने की अपील की। इसके बाद ईडी दफ्तर पहुंची। ईडी की टीम उनसे देर शाम तक पूछताछ की। लालू प्रसाद यादव के ईडी दफ्तर पहुँचते ही दफ्तर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई। ईडी दफ्तर के बाहर राजद समर्थकों की भीड़ जुटने लगी। राजद के कई विधायक भी पहुंचे। समर्थक केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी करने लगे। राजद समर्थकों ने आरोप लगाया कि लालू यादव बीमार हैं। उन्हें जान बूझकर परेशान करने की कोशिश हो रही है। पूरे 10 घंटे तक बाहर यह डर कायम था कि कहीं उन्हें गिरफ्तार तो नहीं कर लिया जाएगा! दरअसल, नौकरी के बदले जमीन घोटाला केस में पूछताछ के लिए लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था। लालू को 29 जनवरी और तेजस्वी यादव को 30 जनवरी को पेश होने कहा गया था। आज लालू प्रसाद ईडी के सवालों का जवाब देने पहुंचे थे।
घोटाला 2004 से 2009 के बीच किया गया
आरोप है कि रेलवे मंत्री रहते हुए लालू यादव इस घोटाले में शामिल थे। यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच किया गया था, जहां कई लोगों को रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप-डी के पदों पर नौकरियां दी गई थीं। बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम के नाम कर दी थी। जमीन के बदले नौकरी घोटाले मामले में राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत 17 लोगों को आरोपी बनाया गया था।