Rafique Khan
लोकसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को अचानक 2 युवक विजिटर गैलरी से सांसदों की टेबल पर कूद पड़े। दोनों ने ही स्मोक बम ब्लास्ट किया। पूरे हाल में पीले रंग का धुंआ फैल गया। संसद में इस तरह की घटना ने स्वाभाविक तौर पर वहां अफरा - तफरी निर्मित कर दी थी। हालांकि कुछ सांसदों ने दिलेरी दिखाई और दोनों ही युवकों को रोकते हुए दबोच लिया। सांसद में चल रही कार्रवाई के बीच हुई इस तरह की घटना ने एक बार फिर तमाम तरह की सुरक्षा व्यवस्थाओ को कटघरे में ला खड़ा किया है। यह भी गौरतलब है कि आज ही के दिन 13 दिसंबर को 22 वर्ष पूर्व भी संसद पर हमला हुआ था और उस वक्त 5 जवानों को शहीद होकर अपनी जान गवना पड़ी थी।
घटना के संबंध में जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर सदन में उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब लोकसभा में बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। वे सदन की बेंच पर कूदने लगे। युवकों ने जूते में कुछ स्प्रे छिपा रखा था। उसे निकालकर स्प्रे किया, जिससे सदन में पीला धुआं फैलने लगा। पूरे सदन में अफरा-तफरी का माहौल था। इसके बाद सांसदों ने उसे पकड़ लिया। कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बताया कि मैंने उसे सबसे पहले पकड़ा। दोनों की उम्र करीब 20 साल है। ये लोग कनस्तर लिए हुए थे। इन कनस्तरों में पीले रंग की गैस निकल रही थी। दोनों में से एक व्यक्ति दौड़कर स्पीकर की चेयर के सामने पहुंच गया था। कुछ ने दोनों की पिटाई भी की। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया गया। इसे देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया।
कुल 4 लोग थे, 2 सदन के अंदर, 2 बाहर
बताया जाता है कि जो दो लोग कार्यवाही के दौरान घुसे, उनमें एक का नाम सागर है। दोनों सांसद विजिटर पास पर सदन में आए थे। वहीं, सदन के बाहर एक महिला और पुरुष ने पीले रंग का धुआं छोड़ा। इनका नाम अमोल और नीलम है। इनके पास से कोई फोन या बैग बरामद नहीं हुआ। बाहर से गिरफ्तार हुए दोनों लोगों का दावा है कि खुद से संसद पहुंचे और उनका किसी संगठन से ताल्लुक नहीं है। नीलम ने नारेबाजी की। कहा, 'तानाशाही नहीं चलेगी। संविधान बचाओ। मणिपुर को इंसाफ दिलाओ। महिलाओं पर अत्याचार नहीं चलेगा। भारत माता की जय। जय भीम, जय भारत।' लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा- अभी हुई घटना सबकी चिंता का विषय है। इसकी जांच जारी है। दिल्ली पुलिस को भी जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
पन्नू ने दी थी वीडियो जारी कर हमले की धमकी
बताया जाता है कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने संसद पर हमले की धमकी दी थी। इसके बाद से ही दिल्ली पुलिस अलर्ट पर थी। अमेरिका में रहने वाले पन्नू ने वीडियो जारी करके कहा था- हम संसद पर हमले की बरसी वाले दिन यानी 13 दिसंबर या इससे पहले संसद की नींव हिला देंगे। पन्नू ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू के साथ एक पोस्टर जारी किया था। पन्नू का वीडियो सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा था- किसी को भी कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
13 दिसंबर 2001 भारत के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज
बताया जाता है कि 13 दिसंबर 2001 की तारीख भारत के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गई है। 19 साल पहले इसी दिन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने संसद भवन पर हमला किया था। आतंकियों का प्लान तो लोकतंत्र के मंदिर को विस्फोटकों से उड़ाने का था लेकिन सुरक्षाकर्मियों के अदम्य साहस और वीरता के आगे उनके नापाक इरादे ध्वस्त हो गए। आधे घंटे तक चले मुठभेड़ के बाद सभी 5 आतंकी मार गिराए गए। इस हमले में दिल्ली पुलिस के 6 जवान और संसद के 2 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। एक माली की भी मौत हुई थी। इसके अलावा न्यूज एजेंसी एएनआई के एक कैमरामैन गंभीर रूप से घायल हुए थे और आखिरकार उन्होंने 13 महीने बाद दम तोड़ दिया था।