Rafique Khan
ब्रह्मलीन पंडित आदर्श मुनी त्रिवेदी एक ऐसे व्यक्तित्व का नाम था, जो पीड़ित मानवता की सेवा के लिए आधी रात को भी तैयार रहता था। श्री त्रिवेदी ने सामाजिक, संस्कृत तथा साहित्यिक रास्ते से होते हुए कानूनी मंजिल तक समाज के अंतिम पंक्ति के जरूरतमंद लोगों के हितार्थ लगातार काम किए। वकालत जैसे व्यापारिक पेशे में होने के बावजूद उनकी सेवा को हर जानने वाला आज भी न सिर्फ याद कर रहा है बल्कि उसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं पा पता है।
कुछ इस तरह के विचार स्वर्गीय त्रिवेदी जी की द्वितीय पुण्यतिथि के अवसर पर उनके निवास स्थल दमोहनाका स्थित शतकृतु आश्रम श्रद्धांजलि देने पहुंचे अनेक वक्ताओं ने व्यक्त किए। गुरुवार को दोपहर में परंपरागत पूजन के बाद लगातार श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों का यहां तांता लगा रहा। मुख्य रूप से श्रद्धांजलि देने पहुंचने में वाले लोगों में जय रेवाखण्ड के एस एस ठाकुर, विनीत तहांगुरिया प्रगतिशील ब्राह्मण महासभा के अतुल बाजपेई अयोध्या तिवारी अमरीश मिश्रा शैलेश पाठक अखिलेश दीक्षित प्रवीण तिवारी ब्रजेश दुबे राकेश पांडे प्रशांत अवस्थी बाबूलाल नामदेव अभिजीत परिहार रफीक खान आदि शामिल रहे।