एक दिन में 78 सांसद सस्पेंड, अब तक लोकसभा में सुरक्षा पर सेंध मामले में 92 सांसदों पर की जा चुकी है कार्रवाई - khabarupdateindia

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एक दिन में 78 सांसद सस्पेंड, अब तक लोकसभा में सुरक्षा पर सेंध मामले में 92 सांसदों पर की जा चुकी है कार्रवाई





Rafique Khan


सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन यानी की 18 दिसंबर को 78 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। इनमें लोकसभा के 33 और राज्यसभा के 45 सांसद शामिल है। लोकसभा में सुरक्षा पर सेंध लगाने वाले मामले को लेकर हंगामा करने के आरोप में यह कार्रवाई सांसदों के खिलाफ की गई है। शुरुआत में 13 सांसदों को सस्पेंड किया गया था, इस तरह से अब तक 92 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है। सस्पेंड किए गए लोकसभा सांसदों में 11 सांसद कांग्रेस के, 9 सांसद टीएमसी के, 9 सांसद डीएमके के तथा 4 अन्य दलों के सांसद शामिल है। सोमवार से पहले 14 दिसंबर को लोकसभा से कुल 13 सांसद निलंबित किए गए थे। तब राज्यसभा से टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन को निलंबित किया गया था।

जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि दोनों सदनों में सुरक्षा में सेंध मामले को लेकर हंगामा हो रहा था। सदनों को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दोनों सदनों में सुरक्षा में सेंध मामले को लेकर हंगामा हो रहा था। इनमें 30 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया है, जबकि तीन कांग्रेस सांसदों की सदस्यता बहाली पर फैसला प्रिविलेज कमेटी लेगी। इन पर स्पीकर के पोडियम पर चढ़ने का आरोप है।राज्यसभा में भी हंगामा हुआ। इसके चलते सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया। इनमें से 34 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया, जबकि 11 सांसदों की सदस्यता पर फैसला प्रिविलेज कमेटी लेगी। इससे पहले 14 दिसंबर को लोकसभा से 13 सांसद निलंबित किए गए थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105, I.N.D.I.A के 64 और अन्य 76 हैं। इनमें से विपक्ष के 46 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा में इस समय सांसदों की संख्या 538 है। इसमें NDA के 329, I.N.D.I.A के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद सस्पेंड हो चुके हैं।
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू होते ही 15 मिनट की स्पीच दी। कहा कि घटना पर राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

इन सांसदों को निलंबित किया गया

लोकसभा से निलंबित सांसदों में कल्याण बनर्जी तृणमूल कांग्रेस, ए राजा द्रमुक, टी सुमति द्रमुक, दयानिधि मारन द्रमुक; अपारूपा पोद्दार तृणमूल कांग्रेस, प्रसून बनर्जी तृणमूल कांग्रेस, ईटी मोहम्मद बशीर मुस्लिम लीग, जी सेल्वम द्रमुक, सीएन अन्नादुराई द्रमुक, अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस, असीत कुमार मल तृणमूल कांग्रेस, कौशलेंद्र कुमार जद यू, एंटो एंटनी कांग्रेस, एसएस पलानीमिनिकम द्रमुक, थिरूनावुक्करासर कांग्रेस, प्रतिमा मंडल तृणमूल कांग्रेस, काकोली घोष तृणमूल कांग्रेस, के मुरलीधरन कांग्रेस, सुनील मंडल तृणमूल कांग्रेस, एस रामालिंगम द्रमुक, के सुरेश कांग्रेस, अमर सिंह कांग्रेस, राजमोहन उन्नीथन कांग्रेस, गौरव गोगोई कांग्रेस, टीआर बालू द्रमुक, के कानी नवास मुस्लिम लीग, के वीरस्वामी द्रमुक, एनके प्रेमचंद्रन आरएसपी, सौअत राय तृणमूल कांग्रेस, शताब्दी राय तृणमूल कांग्रेस, अब्दुल खलीक कांग्रेस, के जयकुमार कांग्रेस, नीरज दांगी कांग्रेस शामिल है।
राज्यसभा से निलंबित सांसदों में प्रमोद तिवारी कांग्रेस, जयराम रमेश कांग्रेस, अमी याजनिक कांग्रेस, नरेंद्रभाई जे. राठवा कांग्रेस, सईद नासिर हुसैन कांग्रेस, फूलो देवी नेताम कांग्रेस, शक्ति सिंह गोहिल कांग्रेस,
के सी वेणुगोपाल कांग्रेस, रजनी अशोक राओ पाटिल कांग्रेस,
रंजीत रंजन कांग्रेस, इमरान प्रतापगढ़ी कांग्रेस, रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस, सुखेंदु शेखर रे तृणमूल कांग्रेस, मोहम्मद नदिमुल हक तृणमूल कांग्रेस, अबीर रंजन विश्वास तृणमूल कांग्रेस, सांतनु सेन तृणमूल कांग्रेस, मौसम नूर तृणमूल कांग्रेस, प्रकाश चिक बराइक तृणमूल कांग्रेस, समिरुल इस्लाम तृणमूल कांग्रेस, एम. षणमुगम द्रमुक, एनआर इल है।

संसद और लोकतंत्र पर हमला

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। उन्होंने कहा, "सबसे पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया. अब मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है।"