EVM की वोट गिनना ही भूल गए पीठासीन अधिकारी, नीमच के मनासा विधानसभा क्षेत्र का मामला परिणामो के बाद आया सामने - khabarupdateindia

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EVM की वोट गिनना ही भूल गए पीठासीन अधिकारी, नीमच के मनासा विधानसभा क्षेत्र का मामला परिणामो के बाद आया सामने





Rafique Khan

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान के पहले से आ रही रोचक और आश्चर्यजनक खबरों पर विराम नहीं लग पा रहा है। ताजा मामला नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र का है, जहां स्थित कुकड़ेश्वर के एक मतदान केंद्र की एक ईवीएम मशीन में मतदाताओं द्वारा डाली गई वोटो को की गिनती ही नहीं हो सकी। दरअसल पीठासीन अधिकारी द्वारा की गई चूक के चलते इस मशीन में डाली गई वोटो को नहीं गिना गया। विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए, सभी 230 सीटों का परिणाम भी आ गया, तब इस मामले का खुलासा हुआ।

जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि मनासा विधानसभा के कुकड़ेश्वर नगर के मतदान क्रमांक 179 सरस्वती शिशु मंदिर में लगी ईवीएम की गिनती ही नहीं हुई। इससे 571 मतदाताओं का वोट बर्बाद हो गया। अब यह कभी पता नहीं चल सकेगा कि 2023 के चुनावों में 179 मतदान केंद्र पर किस प्रत्याशी को कितने मत मिले। मतदान से पहले जिले की तीनों विधानसभा में ईवीएम मशीन का मॉकपोल हुआ था। मॉकपोल के बाद मशीन को रिसेट कर पुनः सामान्य स्थिति में लाना होता है। मशीन का डाटा इरेज (मिटाना) होता है।

दिनभर हुआ मतदान, दर्शाया शून्य

बताया जाता है कि नीमच तथा जावद में पॉकपोल के लिए इस्तेमाल की गई ईवीएम मशीनों का डाटा इरेज कर दिया, लेकिन मनासा विधानसभा में पॉकपोल के बाद पीठासीन अधिकारी मशीन का डाटा इरेज करना भूल गए। मतदान वाले दिन मॉकपोल वाली मशीन को कुकड़ेश्वर नगर के 179 पर इंस्टाल किया। इसी मशीन से दिनभर मतदान हुआ, लेकिन मतगणना वाले दिन मतपत्र लेखा तथा ईवीएम से डले वोटों की संख्या अलग-अलग प्रदर्शीत हुई। इसलिए मतदान क्रमांक 179 पर लगी ईवीएम मशीन की गणना नहीं हो पाई। ऐसे में नए मियमों के तहत इस मतदान केंद्र के वोटों की गिनती नहीं की गई। जिला निर्वाचन की ओर से जारी बूथवार आंकड़ों में भी इसे शून्य दर्शाया गया।

चुनाव आयोग को लिखा जाता है


इस मामले के उजागर होने के बाद हड़कंप है। कांग्रेस जहां आरोप लगा रही है, वही जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर दिनेश जैन के अनुसार मानवीय त्रूटी है, चूक जैसी कोई बात नहीं। निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप ही मतदान व मतगणना प्रक्रिया को संपन्न करवाया है। हार-जीत का अंतर कम होने की दशा में मतदान केंद्र के रजिस्टर से मिलान के बाद ईवीएम के मतों से क्रास वेरिफाय हो सकता है। जबकि नियम कहते है कि ऐसे मामले में पीठासीन अधिकारी पर कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को लिखा जाता है। इसमें पीठासीन अधिकारी की लापरवाही उजागर हो रही है। चूक उजागर होने पर कांग्रेस व भाजपा दोनों प्रत्याशियों को इसकी जानकारी दे दी। इसके बाद तय हुआ कि यदि हार-जीत का अंतर 1 हजार के भीतर रहेगा, तब ही इस चूक वाली ईवीएम की गणना होगी अन्यथा नहीं होगी। आखिर पोलिंग क्रमांक 179 कितने लोगों का मतदान हुआ, किस पार्टी को कितने मत इस पोलिंग बूथ से मिले इसकी जानकारी भी पता नहीं चल पा रही है।