मतदाताओं तक पहुंचने के पहले ही बरामद हो गए 1760 करोड़ कैश, शराब और सोना - चांदी, चुनाव आयोग द्वारा 5 राज्यों में की गई कार्रवाई - khabarupdateindia

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मतदाताओं तक पहुंचने के पहले ही बरामद हो गए 1760 करोड़ कैश, शराब और सोना - चांदी, चुनाव आयोग द्वारा 5 राज्यों में की गई कार्रवाई





RAFIQUE KHAN


भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रदेश के चुनाव निर्वाचन मुख्य पदाधिकारी के द्वारा चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए तरह-तरह की हिकमतों को अंजाम दिया जाता है। परंपरागत तौर पर जिले की सीमा रेखाओं तथा शहर के मुख्य स्थलों पर विधानसभा क्षेत्र बार पांच राज्यों में 9 अक्टूबर से चेकिंग अभियान शुरू किया गया, जिसमें 1760 करोड रुपए कैश वा अन्य सामग्री के रूप में बरामद किए गए। जिसमें शराब, सोना चांदी प्रमुख है। नगद तथा सामग्री के रूप में यह 1760 करोड रुपए मतदाताओं को रिझाने के लिए पहुंचाए जाना थे, जो बाटने के पहले ही कार्रवाई के शिकंजे में आ गए।

जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग ने सोमवार 20 नवंबर को कहा कि चुनाव वाले पांच राज्यों से 1760 करोड़ की शराब, ड्रग्स, कैश और महंगी धातु बरामद की गईं। ये सब चीजें वोटरों को रिझाने के लिए थीं। इन चीजों की बरामदगी 9 अक्टूबर से हो रही थी। इसी दिन इलेक्शन कमीशन ने पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। यह आंकड़ा इन राज्यों में 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान हुई बरामदगी का 7 गुना है। पिछली बार 239.15 करोड़ की चीजें जब्त की गई थीं।

228 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर्स तैनात

अभी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव चल रहे हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में वोटिंग हो चुकी है। राजस्थान में 25 तो तेलंगाना में 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। आयोग ने पांच राज्यों में चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए 228 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर्स तैनात किए थे। साथ ही 194 विधानसभा सीटों को चुनावी खर्च के लिहाज से संवेदनशील बताया था।

6 अन्य राज्यों से 1400 करोड़ की चीजें जब्त 

 
जानकारी के मुताबिक इससे पहले जिन 6 राज्यों (गुजरात, हिमाचल प्रदेश, नगालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और कर्नाटक) में चुनाव हुए थे, वहां से 1400 करोड़ की चीजें बरामद की गई थीं। यह इन राज्यों में पिछले चुनाव के दौरान हुई बरामदगी का 11 गुना था। इस बार चुनाव आयोग इलेक्शन एक्सपेंडिचर मॉनीटरिंग सिस्टम (ESMS) भी लेकर आया था। इसे केंद्र और राज्य की जांच एजेंसियों के साथ मिलकर लागू किया गया था।