Rafique Khan
मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित विशेष न्यायालय के पीठासीन अधिकारी विशेष न्यायाधीश ओमप्रकाश रजक की कोर्ट ने करोड़पति पटवारी को 4 साल के कारावास तथा साढ़े 26 लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए जहां लोकायुक्त पुलिस तथा ईओडब्ल्यू जैसी संस्थाएं प्रदेश में कार्य करती है तो वही अदालत जब इन्हें दंडित करती है, तब घूसखोरों के हौसले निश्चित तौर पर पस्त होते होंगे। पटवारी को अदालत द्वारा सुनाई गई इस सजा के बाद इंदौर तथा उज्जैन जिले के राजस्व हल्के में राजस्व विभाग के हल्के में हड़कंप की स्थिति देखी गई।
जानकारी के मुताबिक बताया जाता है कि आय से अधिक संपत्ति के 11 साल पुराने मामले में कोर्ट ने पटवारी को 4 साल की सजा व 26.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पटवारी के पास लोकायुक्त के छापे के दौरान एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति मिली थी, जबकि उसका कुल वेतन करीब 15 लाख रुपये था। करीब 84 लाख रुपये की अनुपातहीन संपत्ति मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है।
1.01 करोड़ रुपये की संपत्ति
बताया जाता है कि जिले के तराना में पदस्थ पटवारी बाबूलाल गोमर के इंदिरा नगर स्थित घर पर लोकायुक्त ने मार्च 2012 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापा मारा था। छापे के दौरान लोकायुक्त को पटवारी के यहां 8.66 लाख् रुपये के सोने-चांदी के जेवरात, 35 बीघा कृषि भूमि, तीन दोपहिया वाहन सहित 1.01 करोड़ रुपये की संपत्ति के बारे में जानकारी मिली थी। वहीं, पटवारी की कुल आय करीब 15 लाख रुपये थी। करीब 84 लाख रुपये की अनुपातहीन संपत्ति पाई गई थी।
पड़ोसी के यहां रखे थे जेवरात व कागजात
पटवारी बाबूलाल ने लोकायुक्त से बचने के लिए छापे से करीब एक माह पूर्व ही अपने पड़ोसी रामचंद्र के यहां पांच लाख रुपये कीमत के जेवरात, जमीन के कागजात रखे थे। रामचंद्र के यहां चोरी हो गई थी। इसमें चोर सारा सामान चुरा ले गए थे। बाद में पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर माल बरामद कर लिया था। उस दौरान खुलासा हुआ था कि पटवारी ने पड़ाेसी के यहां जेवरात व कागजात रखे थे। इसके बाद से ही लोकायुक्त पटवारी की जांच कर रही थी।