चुनाव में गफलत, आरोपों से क्यों घिरी व्यवस्था, कोई गड़बड़ी नहीं हुई तो फिर नोडल अधिकारी को क्यों कर दिया सस्पेंड - khabarupdateindia

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चुनाव में गफलत, आरोपों से क्यों घिरी व्यवस्था, कोई गड़बड़ी नहीं हुई तो फिर नोडल अधिकारी को क्यों कर दिया सस्पेंड





Rafique Khan



आमतौर पर चाहे विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव या फिर स्थानीय निकाय के चुनाव हो... अत्यधिक संवेदनशीलता के साथ सतर्कता रखी जाती है लेकिन बालाघाट में सोमवार की शाम स्ट्रांग रूम के भीतर चल रहा काम जिस तरह से अचानक समूचे प्रदेश और देश में सुर्खी बन गया, यह एक बहुत ही गंभीर बात है। आखिर चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में ऐसी गफलत क्यों? क्या व्यवस्था में कोई खोट है? या फिर जिम्मेदारी निभाने में लगे अफसर अनजान या नियम कायदों से अनभिज्ञ है? समूची व्यवस्था आरोपो से क्यों घिर गई? बालाघाट के स्ट्रांग रूम में अगर सोमवार को सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था और कहीं कोई भी कार्य विधि के विपरीत नहीं हुआ था तो फिर नोडल अधिकारी को सस्पेंड क्यों कर दिया गया?

गौरतलब है कि मप्र में विधानसभा चुनावों के नतीजे 3 दिसंबर को आने हैं। इससे पहले मतगणना की तैयारियां जारी हैं। कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को एक वीडियो जारी किया। यह वीडियो बालाघाट का था, जहां पीजी कॉलेज में रखे मतपत्रों से को जमाया जा रहा रहा था1 हालांकि यह काम मतगणना के समय चुनाव आयोग के द्वारा बताई गई तारीखों पर किया जाना था लेकिन स्थानीय कलेक्टर गिरीश मिश्रा के मुताबिक यहां केवल मतपत्रों के बंडल बनाए जा रहे थे। इस मामले में कांग्रेस ने काफी गंभीरता दिखाई और कलेक्टर की शिकायत चुनाव आयोग से की। इसके बाद आयोग ने नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह को निलंबित कर दिया है।

कांग्रेसी नेता इससे संतुष्ट नहीं

बताया जाता है कि मामले में कलेक्टर गिरीश मिश्रा लगातार कार्यवाही का बचाव कर रहे हैं उनके अनुसार उन्होंने सभी उम्मीदवारों को इसकी सूचना दी थी और उनके प्रतिनिधियों को बुलाया था। यह पूरी प्रक्रिया मत मत्रों को पचास-पचास के बंडलों में रखने की थी जो कि एक सामान्य तरीका है। हालांकि कांग्रेसी नेता इससे संतुष्ट नहीं हैं उन्होंने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है और कलेक्टर को हटाने की मांग की। कांग्रेस का कहना है कि इस दौरान मतपत्रों में गड़बड़ी हो सकती है। इस दौरान पंचनामा भी बनाया गया।

कमलनाथ ने भी जताई आपत्ति

जानकारी के अनुसार पीसीसी प्रमुख कमलनाथ ने भी आपत्ति जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आवाहन करता हूँ कि वे मुश्तैद रहें और कोई गड़बड़ी ना होने दें।' कांग्रेस के निर्वाचन आयोग कार्य के प्रभारी जेपी धनोपिया ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन से बालाघाट कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा को हटाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि पहले ही कांग्रेस ने काउंटिंग में गड़बड़ी की आशंका जताई थी। बालाघाट में तय तिथि से पहले ही कर्मचारियों ने मतपत्र खोले हैं। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

भाजपा को ऐतराज़ क्यों नहीं

बालाघाट में कांग्रेस नेता शफकत खान के मुताबिक सोमवार दोपहर 3 बजे स्ट्रांग रूम खोला गया था। इसमें रखे पोस्टल बैलेट के बंडल बनाए जा रहे थे। यहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने इसकी सूचना दी। बताया कि कर्मचारी बंडल खोलकर गिनती कर रहे हैं। सूचना पर बालाघाट की कांग्रेस प्रत्याशी अनुभा मुंजारे समेत कई कार्यकर्ता भी पहुंच गए थे। यहां पोस्टल बैलेट लिफाफे में अलग-अलग रखे थे। खान ने बताया कि उन्होंने आपत्ति जताते हुए पूछताछ की। यहां मौजूद कर्मचारी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया और इसी दौरान मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी बना लिया1 जानकारी के अनुसार यहां मौजूद राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के अलावा मीडिया में भी यह चर्चा खासी रही कि जिस मामले को लेकर हंगामा और आपत्ति की जा रही है, इस सबसे भाजपा को कोई एतराज क्यों नहीं है।

एसडीएम गोपाल सोनी ने बताया

मामले में एसडीएम गोपाल सोनी ने बताया कि पोस्टल बैलेट के लिए बनाया स्थायी स्ट्रांग रूम रोजाना तीन बजे खुलता है। इस दौरान लिफाफे में बंद मतपत्रों को 50-50 के बंडल में रखा जाता है। इसकी सूचना राजनीतिक दलों को दी जाती है। आज भी हम ये काम कर रहे थे। एसडीएम ने कहा कि इस दौरान कुछ लोगों को गलतफहमी हो गई कि पोस्टल बैलेट को फैला दिया गया है, कुछ गड़बड़ी है। इस स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी भी लगे है। निर्वाचन में कोई अवकाश नहीं होता, इसलिए गुरुनानक जयंती के दिन भी हम ये काम कर रहे थे। कलेक्टर कार्यालय के द्वारा इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर भी दी गई हालांकि कांग्रेसी इससे संतुष्ट नहीं दिखाई दे रहे हैं और यह मामला तूल पकड़ रहा है।