RAFIQUE KHAN
वर्ल्ड कप क्रिकेट टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत मुकाबला जीतने में नाकाम रहा। ऑस्ट्रेलिया से फाइनल मुकाबले में 6 विकेट से हारना पड़ा। वर्ल्ड कप क्रिकेट में खेल रही टीम के लिए समूचे देश में दुआओं व प्रार्थनाओं का दौर चला, इस सब के बावजूद भारत के हाथों कप नहीं लग सका। प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का किताब विराट कोहली के सर रहा।
रविवार को इस हार ने भारतीय फैंस को 2003 वर्ल्ड कप फाइनल की याद दिला दी। 20 साल पहले कंगारुओं ने हमें जोहान्सबर्ग में 125 रन से हराया था। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में टीम इंडिया टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 240 रन पर ऑलआउट हो गई। 241 रन का टारगेट ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने 43 ओवर में 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया।ट्रैविस हेड ने 137 रन की शतकीय पारी खेली, जबकि मार्नस लाबुशेन ने नाबाद 58 रन बनाए। इससे पहले, मिचेल स्टार्क ने 3 विकेट झटके, जबकि कप्तान पैट कमिंस और जोश हेजलवुड को 2-2 विकेट मिले। ट्रैविस हेड प्लेयर ऑफ द मैच रहे। ऑस्ट्रेलिया ने छठी बार वनडे वर्ल्ड कप जीता है। इससे पहले टीम, 2015, 2007, 2003, 1999 और 1987 में चैंपियन बनी थी।ग्लेन मैक्सवेल ने अपनी पहली ही बॉल पर विनिंग शॉट लगाया। मार्नस लाबुशेन ने नाबाद 58 रन की पारी खेली। उन्होंने हेड के साथ 192 रन की साझेदारी की। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भावुक हो गए और मैदान पर रोने लगे।
हमने 20 से 30 रन कम बनाए : रोहित
आज हमारा दिन नहीं था। लेकिन गेम-1 से जैसा हमने खेला, टीम की परफॉर्मेंस से खुश हूं। राहुल और विराट जब बैटिंग कर रहे थे तब हमें लगा कि 270 तक का स्कोर ठीक रहता। पारी खत्म होने के बाद ही लगा कि हमने 20 से 30 रन कम बनाए हैं। हेड और लाबुशेन की पार्टनरशिप ने मैच को हमसे दूर किया। हम जितनी कोशिश कर सकते थे, उतनी कोशिश की। पिच भी दूसरी पारी में बैटिंग के लिए आसान हो गई।