कतर की एक अदालत से भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद से जहां केंद्र सरकार अपील की तैयारी कर रही है। वहीं इस मामले में तुर्की और अमेरिका ने मदद के हाथ बढ़ाए हैं। भारत के सभी आठ पूर्व नौ सैनिकों को बचाने के लिए लगातार कोशिशे जारी है।
गौरतलाब है कि 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी।फरियादियों के पास नियमानुसार अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने के लिए 15 दिन का समय मिलता है। 30 अक्टूबर को आठों पूर्व नौसैनिकों के परिवारों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। नौसनिकों के परिजनों को विदेश मंत्री से मिलकर अपनी बात रखने का मौका मौत की सजा के ऐलान के बाद ही मिला। इससे पहले परिवार वालों को कोई जवाब नहीं मिला था। नौसैनिकों के परिजनों ने BJP के बड़े अधिकारियों को भी अप्रोच किया था। फिर भी कोई बात नहीं बन पाई थी।विदेश मंत्री जयशंकर ने आश्वासन दिया कि भारत सरकार नौसैनिकों को सुरक्षित वापस लाने की हर संभव कोशिश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, ये मीटिंग करीब डेढ़ घंटे चली। इसमें सभी परिवारों के लगभग 20 सदस्य, विदेश मंत्री जयशंकर के अलावा विदेश राज्य मंत्री, विदेश सचिव और कतर में भारत के राजदूत भी मौजूद थे।
नौसैनिकों की पत्नियां रो पड़ीं
विदेश मंत्री के सामने भारतीय नौसैनिकों की पत्नियां और महिला सदस्य रो पड़ीं। परिवार के कुछ सदस्य भी पूरे मामले को लेकर सरकार के रुख से नाराज बताए जा रहे हैं। उनका मानना है कि जो नौसैनिक देश का सम्मान हैं, वो 14 महीने से विदेशी जेलों में कैद हैं। उन्हें शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जा रही हैं।