मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर मनमुटाव, रोष और बगावत के चलते भारतीय जनता पार्टी ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। विधायक, पूर्व विधायक समेत कई दिग्गज बीजेपी नेताओं को संगठन ने निष्कासित कर बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन सभी को पार्टी अनुशासन के विरुद्ध कार्य करने का दोषी माना गया है।
भारतीय जनता पार्टी ने नंदकुमार चौहान के बेटे हर्षवर्धन, सीधी विधायक सहित 35 बागियों को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है1 जिन्हे बाहर का रास्ता दिखाया गया है, उनमें पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह, अटेर के पूर्व विधायक मुन्ना सिंह भदौरिया, पूर्व विधायक रसाल सिंह, ममता मीणा, केके श्रीवास्तव, मध्य प्रदेश कुक्कुट विकास निगम के उपाध्यक्ष नंदराम कुशवाहा, सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह व वन विकास निगम के अध्यक्ष माधव सिंह डाबर का नाम शामिल हैं। टीकमगढ़ विधानसभा में भाजपा ने राकेश गिरी को प्रत्याशी बनाया है, जबकि टिकट की मांग पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव भी कर रहे थे। टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय रूप से चुनावी मैदान में पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव कूद गए। इससे अब पार्टी ने उन्हें 6 वर्ष के लिए प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। हालांकि श्रीवास्तव पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं निवाड़ी विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी अनिल जैन के विरोध में निर्दलीय रूप से नंदराम कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं, जो निवाड़ी से टिकट मांग रहे थे। मप्र सरकार ने इन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी आयोग में उपाध्यक्ष बनाकर दिया था। लेकिन चुनाव लड़ने के चलते इन्हें भी निष्कासित कर दिया है।