अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट 100 साल पुरानी बदर मस्जिद खरीद रहा है। इसके लिए राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा 30 लाख रुपए में एग्रीमेंट भी कर लिया गया है। बतौर एडवांस 15 लाख रुपए दिए भी जा चुके हैं। हालांकि इस मामले में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जिस सुन्नी सेंट्रल बक्फ बोर्ड की यह मस्जिद है, उसे इस सौदेबाजी का पता तक नहीं है।
अयोध्या में तैयार हो रहे राम मंदिर के उद्घाटन में अब महज कुछ महीनों का वक्त है. इसी बीच श्री राम मंदिर ट्रस्ट पर एक संगीन आरोप लगे हैं। श्री राम मंदिर ट्रस्ट पर गलत तरीके से पांजी टोला में स्थित एक मस्जिद को खरीदने का आरोप लगा है। नया घाट से सहादतगंज तक बन रहा 13 किमी लंबा रामपथ इसी मस्जिद के बगल से निकला है। इस मस्जिद को खरीदने के लिए श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने मस्जिद के केयरटेकर रईस अहमद से 30 लाख रुपए में इसका एग्रीमेंट किया और 15 लाख रुपए का एडवांस भी दे दिया गया। खबर सामने आने के बाद अंजुमन मुहाफिज मसाजिद और मकाबिर कमेटी के महासचिव मोहम्मद आजम कादरी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में वक्फ की जितनी भी संपत्ति है, मस्जिद, कब्रिस्तान, दरगाह या मजार, सबकी देखरेख का जिम्मा मेरे पास है, इसलिए मैंने बद्र मस्जिद का मसला उठाया है।
मस्जिद के केयरटेकर रईस अहमद का कहना है कि मस्जिद का आधे से ज्यादा हिस्सा सड़क चौड़ी करने में चला गया है। यह पूरा मोहल्ला श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट एक्वायर कर लेगा, फिर मोहल्ले के लोग भी नहीं रह जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि ट्रस्ट से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि आप मस्जिद किसी और जगह शिफ्ट कर लो। रईस ने आगे कहा कि मस्जिद में जितने नमाजी आते थे, उन्होंने सहमति दी, तभी हमने एग्रीमेंट किया।